कभी कट्टी कभी बट्टी: ‘ओय! मास्टर के लौंडे’- पार्ट 2 (Hindi...

कभी कट्टी कभी बट्टी: ‘ओय! मास्टर के लौंडे’- पार्ट 2 (Hindi Edition)

Mittal, Deepti
0 / 5.0
0 comments
How much do you like this book?
What’s the quality of the file?
Download the book for quality assessment
What’s the quality of the downloaded files?
कभी कट्टी कभी बट्टी’ किंडल उपन्यास ‘ओय! मास्टर के लौंडे’ का अगला भाग है। ‘ओय! मास्टर के लौंडे’ उपन्यास पाठकों की भरपूर सराहना मिली जिसके बल पर यह Amazon KDP Pen To Publish-4 प्रतियोगिता जीतने में सफल रहा।
यह कहानी चल रही है दीपेश और उसके दोस्त हरदीप की, जो शुरू हुई थी 1990 वें दशक के मुहाने पर खड़े एक छोटे से शहर मुज़फ्फ़रनगर में, जहाँ डी.ए.वी. कॉलेज के स्टाफ क्वाटर्स में 13 साल का लड़का दीपेश रहता था और उससे थोड़ा दूर उसका क्लासमेट हरदीप। दोनों पक्के दोस्त थे। साथ स्कूल जाते, साथ पढ़ते और शरारतें भी साथ करते। मगर दोनों में एक फ़र्क था। दीपेश प्रोफ़ेसर का बेटा था और हरदीप चाय वाले का।
दीपेश की नज़र में हरदीप बड़ा सुखी था क्योंकि वो मनमर्जियां करने वाला एक आज़ाद परिंदा था और जबकि दीपेश खुद को अनुशासन के पिंजरे में कैद ग़ुलाम समझता था जो अपने पापा की रोकटोक से दुखी था। वहीं दूसरी ओर हरदीप की नज़र में दीपेश की लाइफ सेट थी क्योंकि उसके पापा प्रोफ़ेसर थे जिसका फ़ायदा दीपेश को भी मिलता था।
इन दोनों दोस्तों की कथाएँ, व्यथाएँ, आठवीं कक्षा में की गई मस्तियाँ आपने ‘ओय! मास्टर के लौंडे’ में पढ़ी। अब ये दोंनो दोस्त हाईस्कूल में कदम रखने जा रहे हैं वो भी उसी कॉलेज कैंपस में जहाँ दीपेश के पापा भी पढ़ाते हैं। तो ज़ाहिर सी बात है दीपेश की मुश्किलें बढ़ेंगी। वे क्या मुश्किलें होंगी और वह कैसे उनसे निपटेगा? यह आप इस अगले भाग ‘कभी कट्टी कभी बट्टी’ में पढ़ने जा रहे हैं।
इस पुस्तक में हरदीप और दीपेश की मस्तियों पर ब्रेक नहीं लगा, वे आगे भी जारी हैं। उनके छोटे-छोटे सुखों का, मासूम से दुखों का, कभी कट्टी, कभी बट्टी का... सफ़र चल रहा है। इस सफ़र में उन्हें एक और साथी मिल गया है। अब ये तीनों 'अमर अकबर एंथोनी' बनेंगे या 'तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा,' कहावत सिद्ध करेंगे? यह रहस्य तो आपके सामने तभी खुलेगा जब आप इस सफ़र में उनके साथी बनेंगे। इस सफ़र में फिर एक बार आप अपने स्कूली दिनों में पहुँचेंगे, उस समय की कारगुजारियों, खुराफ़ातों, बेवकुफियों को याद करेंगे और बरबस हँस पड़ेंगे... ये मेरा वादा है आपसे!
तो देर किस बात की है, चलिए शुरू करते हैं ये मज़ेदार सफ़र...
Year:
2021
Publisher:
Independently published
Language:
hindi
File:
EPUB, 305 KB
IPFS:
CID , CID Blake2b
hindi, 2021
Read Online
Conversion to is in progress
Conversion to is failed

Most frequently terms